भारतीय बाजार में भूचाल, सेंसेक्स 900 अंक लुढ़का… मारुति-टाइटन एवं सभी शेयर फिसले
अमेरिकी शेयर बाजार की सबसे बड़ी वजह से भारतीय बाजार में आज तेज गिरावट है. जहां पिछले चार दिनों से गिरावट का सिलसिला जारी है. अमेरिकी बाजार का महंगाई दर ने बिगाड़ दिया है.
शेयर बाजार में आई सुनामी में डूब गए 13 लाख करोड़ रुपये…
शेयर बाजार (Share Market Crash) में एक बार फिर सुनामी आ गई. जिसमें सेंसेक्स 1500 अंक से ज्यादा टूट गया. निफ्टी में भी 400 अंक से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई. शेयर मार्केट में आये इस भूचाल (Stock Market Crash) के कारण निवेशकों के लगभग 13 लाख करोड़ रुपये डूब गए. स्मॉलकैप इंडेक्स में दिसंबर 2022 के बाद ये सबसे बड़ी गिरावट है.
सेंसेक्स में 906 अंक की गिरावट दर्ज हुई. जिसके बाद वह 72,762 पर आ गया. ऐसे ही निफ्टी 338 अंक की गिरावट के बाद 21,998 पर पहुंच गया. आज स्मॉलकैप इंडेक्स में 5 प्रतिशत और मिडकैप में 3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई.
अलर्ट मोड में निवेशक
सेबी की चेयरपर्सन ने यह भी कहा कि कहीं कोई गलती पाई जाती है तो एडवाइजरी जारी होगी. इस बयान के बाद निवेशक अलर्ट मोड पर है. म्यूचुअल फंडों से मार्केट में बढ़ते हाइप पर पिछले महीने ही सेबी ने प्रतिक्रिया दी थी. तब उन्होंने निवेशकों के हितों को प्राथमिकता देते हुए एक प्रणाली बनाने के बारे में कहा था.
महादेव ऐप घोटाला
महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी जांच कर रहा है. जांच के दौरान ये सामने आया है कि इस मामले का शेयर बाजार से भी लिंक है. दुबई के हवाला ऑपरेटर हरि शंकर टिबरेवाल के डीमैट अकाउंट में बची 1,100 करोड़ रुपये वैल्यू के शेयर को ईडी द्वारा जब्त किये गए.
भारतीय शेयर बाजार (Share Market) में आज गिरावट गहराता जा रहा है. इस बीच चौथी तिमाही के रिजल्ट का आगाज भी हो गया है. देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS का का आज रिजल्ट आने वाला है. दरअसल, गुरुवार को ईद की वजह से शेयर बाजार बंद था, लेकिन शुक्रवार को गिरावट के साथ बाजार खुला, और फिर लाल निशाने गहराने लगा.
अमेरिका को लेकर यह कहा जा रहा है कि वहां फरवरी महीने में मुद्रास्फीति ज्यादा बढ़ गई. जिसके कारण यह आशंकाएं जताई जा रही है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती में ज्यादा देर कर सकता है. जिसके कारण अमेरिकी स्टॉक मार्केट में उछाल दर्ज हुआ. लेकिन घरेलू बाजार में इसे लेकर सकारात्मकता नहीं दिखाई दे रही. जिसके कारण इन्वेस्टर्स टेंशन में है.