मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को लेकर क्या कहते हैं नियम?

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नई दिल्ली ।  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तकरीबन 2 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इसी के साथ ही देश में एक बार फिर से चर्चा छिड़ गई कि क्या मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हो सकती है?

ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि कुछ वक्त पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अरविंद केजरीवाल का मामला हेमंत सोरेन से अलग है।

केजरीवाल गिरफ्तार

किसी सरकारी अधिकारी के जेल जाने की स्थिति में उसे निलंबित करने का कानून है, लेकिन राजनेताओं पर कानूनी तौर पर ऐसी कोई रोक नहीं है। फिर भी चूंकि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है, ऐसे में अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते हैं तो राष्ट्रपति दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते हैं।

किन मामलों में मुख्यमंत्री को छूट नहीं

संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत मुख्यमंत्री को सिविल मामलों में गिरफ्तारी और हिरासत से छूट मिली हुई है, लेकिन क्रिमिनल मामलों में मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हो सकती है। ठीक यही नियम प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य, विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों के लिए भी हैं। हालांकि, राष्ट्रपति और राज्यपाल को पद पर रहते हुए कोई गिरफ्तार नहीं कर सकता है।

अनुच्छेद 361

अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति या किसी भी राज्यपाल के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी कोर्ट में कोई क्रिमिनल कार्यवाही शुरू नहीं हो सकती है और न ही कोई कोर्ट हिरासत में लेने का आदेश दे सकती है।

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